रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र में स्वामी आत्मानंद योजना का मुद्दा जोरो से उठाया गया। ध्यानाकर्षण के जरिए भाजपा विधायकों ने स्कूलों के संचालक को लेकर सवाल उठाए।
स्वामी आत्मानंद स्कूल को लेकर भाजपा विधायक अनुज शर्मा, अजय चंद्राकर, भावना बोहरा के ध्यानाकर्षण पर जवाब देते हुए स्कूल शिक्षा मंत्री बृजमोहन ने कहा कि अभी हमारे सरकारी प्राचार्य और व्याख्याता को भी कलेक्टर वेतन देता है। जहां-जहां गड़बड़ी होगी, उसकी हम जांच करवाएंगे।
भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक ने कहा कि जब तक कलेक्टर के पास प्रभार रहेगा, व्यवस्था नहीं सुधरेगी। इसे बदला जाना चाहिए। इस पर शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने घोषणा करते हुए कहा कि, अगले शिक्षा क्षेत्र में कलेक्टर की सभी समितियां को भंग कर दिया जाएगा, सभी शिकायतों की जांच कराई जाएगी, जिन स्कूलों के नाम बदले गए हैं, उनका नाम स्वामी आत्मानंद नाम के साथ जोड़ा जाएगा।
मेंटेनेंस के बाद भी छत का स्लैब गिरा
अजय चंद्राकर ने आरडी तिवारी स्कूल के जर्जर भवन और छत के स्लैब गिरने का मामला उठाते हुए सवाल किया कि स्मार्ट सिटी के मद से मेंटनेंस में किस नियम से मद का उपयोग किया गया। कौन सी तकनीकी संस्था है, जिसने कार्य संपादित किया। बृजमोहन अग्रवाल ने बताया कि, स्मार्ट सिटी लिमिटेड के बाद टीसीआईएल तकनीकी संस्था है, उसी के द्वारा प्रशिक्षण कर कार्य किया जा रहा है। मेसर्स शरद शुक्ला के द्वारा काम करवाया गया।
अजय चंद्राकर ने कहा कि इतना मेंटनेंस करवाने के बाद भी स्कूल में यह घटना घटी। पूरे प्रदेश में मेंटनेंस के नाम पर भ्रष्टाचार किया गया है। क्या उन पर कार्यवाही होगी. बृजमोहन अग्रवाल ने कहा लगभग 800 करोड़ रुपए खर्च किया गया है। तुगलकी आदेश कलेक्टर की अध्यक्षता में कार्य किया जा रहा है।

