प्रशासन ने डीएफ के फूंक डाले 25 करोड़, फाइल को किया गायब

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कोरबा :- गरीब बच्चों को उच्च शिक्षा के बड़े सपने दिखाकर अफसर बड़ी-बड़ी बातें करते हुए 25 करोड़ फूक डालें और गड़बड़ी छुपाने फाइलों को गायब कर दिया इसका खुलासा सूचना के अधिकार के तहत हुआ है,

दरअसल पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार में खोले गए स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट हिंदी माध्यम के स्कूलों में सुविधा बढ़ाने कोरबा जिले में जिला प्रशासन द्वारा जिला खनिज न्यास मद् की राशि से 24 करोड़ 79 लाख 34 416 रुपए खर्च किए हैं इसके तहत अलग-अलग विकास करने में 42 स्कूलों को स्वामी आत्मानंद स्कूल के तौर पर विकसित करने का निर्णय लिया गया इन स्कूलों में सुविधा बढ़ाने इसके लिए डीएमएफ की राशि का इस्तेमाल किया गया है प्रत्येक स्कूल में सुविधा बढ़ाने के लिए औसतन 50 से 63 लाख रुपए तक खर्च किए गए लेकिन स्कूलों में सुविधाओं का विस्तार नहीं हो पाया स्कूल के प्राचार्यो को भी नहीं मालूम है कि उनके विद्यालय में इस राशि से किस सुविधा का विस्तार हुआ है वही स्कूलों में खर्च की गई राशि किन-किन सुविधाओं के विस्तार के लिए खर्च की गई है इसकी जानकारी राजीव गांधी शिक्षा मिशन कार्यालय में भी नहीं है, जिसका खुलासा सूचना के अधिकार के तहत किया गया है, कार्यालय ने लिखित में जानकारी देते हुए बताया है कि संबंधित फाइल उपलब्धि नहीं है अपर कलेक्टर के कार्यालय में भी दस्तावेजों के जरिए फाइल नहीं होने की पुष्टि की गई है विभागों में चर्चा है कि संबंधित फाइल पूर्व के अधिकारी अपनी गड़बड़ियों को छिपाने इधर-उधर करते हुए गायब कर दिए हैं जिससे भ्रष्टाचार का खुलासा ना हो पाए ।

सरकार ने बच्चों को उच्च शिक्षा देने हिंदी मध्यम आत्मानंद स्कूल में विद्यार्थियों के लिए उच्च सुविधा देने तत्कालीन कलेक्टर को आदेशित किया था तत्कालीन कलेक्टर ने राजीव गांधी शिक्षा मिशन को क्रियान्वयन एजेंसी नियुक्त किया था डीएमएफ की राशि से प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई थी इस राशि को राजीव गांधी शिक्षा मिशन के खाते में ट्रांसफर किया गया था और राजीव गांधी मिशन ने ही इस राशि का इस्तेमाल किया था, लेकिन राशि का इस्तेमाल कैसे हुआ किसी को पता ही नहीं संभवत राजीव गांधी मिशन के पूर्व अधिकारियों ने अपनी गड़बड़ी छुपाने फाइलों को गायब कर दिया है

अब इस भ्रष्टाचार का खुलासा नोट सीट से हो रहा है और प्रारंभिक दस्तावेज में हुई गड़बड़ी की पोल खुल रही है मिले दस्तावेजों के आधार पर वित्तीय वर्ष 2022-23 में 42 नवीन स्वामी आत्मानंद शासकीय विद्यालयों में सुविधाओं के विस्तार की योजना बनाई गई थी इसके तहत एसईसीएल की गेवरा प्रबंधन से सीएसआर मद के तहत राशि उपलब्ध कराने के लिए कहा गया था इसके पहले की गेवरा प्रबंधन प्रशासन के इस प्रस्ताव को स्वीकृत करता या इसे खारिज करता है जिला प्रशासन के अफसरों ने बड़ा खेल कर डाला नोट सीट पर लिखा कि गेवरा प्रबंधन से सीएसआर के तहत राज्य मिलने की प्रत्याशा में 24 करोड़ 79 लाख 34 हजार 416 रुपए की स्वीकृति दी गई है ।

अफसर जिला खनिज न्यास मद् की राशि का इस्तेमाल अपनी पॉकेट मनी की तरह यूज किए हैं ना तो कराए जाने वाले कार्यों में पारदर्शिता है और ना ही पैसे के लेनदेन को लेकर कोई हिसाब किताब मिल पा रहा है, गरीब बच्चों को अच्छी शिक्षा देने का सपना जो अधिकारियों ने स्वामी आत्मानंद स्कूलों के माध्यम से दिखाया था शायद वह सपना बच्चों का टूटता नजर आ रहा है क्योंकि जिस प्रकार 24 करोड़ 79 लाख रुपए खर्च कर दिए गए और ना उसकी कोई फाइल मौजूद है ना ही किसी को पता है कि यह रुपए कहां खर्च किए गए, अब फाइल गायब होने के बाद इस गड़बड़ी को पता लगाना कोयले से हीरा तलासने जैसा है…

कोहड़िया कोरबा –  63,32,817
दादर खुर्द कोरबा –  50,02,180
पौड़ी बाहर कोरबा –  50,02,180
साडा कन्या कोरबा –  63,32,817
तिलकेजा कोरबा –  61,47,437
मदनपुर कोरबा –  61,47,437
कुदमुरा कोरबा –  61,37,545
रामपुर करतला – 61,17,549
कराईनार करतला – 60,90,057
सुहागपुर करतला – 58,71,856