NTPC ने ढाई सौ कर्मचारियों को काम से निकाला, मजदूरों ने प्रबंधन के खिलाफ़ जमकर किया हंगामा,

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एनटीपीसी मजदूरों को गेट पास नहीं दिए जाने का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि कंपनी ने अचानक लगभग ढाई सौ कर्मचारियों को कrम से निकाल दिया गया। इसे लेकर एनटीपीसी प्रबंधन के खिलाफ केसी जैन मार्ग पर श्रमिक नेता इकट्ठे हो गए हैं और प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। मजदूर रितेश कुमार ने बताया कि लगभग ढाई सौ कर्मचारियों को बाहर निकाल दिया गया है। बताया जा रहा है कि एनटीपीसी पावर प्लांट में 31 तारीख को नई कंपनी को काम दे दिया है, जहां ठेका चेंज होने के बाद दूसरी कंपनी आ गई है और अपने हिसाब से कर्मचारियों को रख रही है। सुबह जब वह काम पर आए तब इसकी जानकारी हुई।Menu
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NTPC ने ढाई सौ कर्मचारियों को काम से निकाला, मजदूरों ने प्रबंधन के खिलाफ़ जमकर किया हंगामा, देखें वीडियो….
Photo of Atul Yadav Atul Yadav Send an emailFebruary 1, 2024 1 minute read

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कोरबा/सीजी एनएन 24 न्यूज: एनटीपीसी मजदूरों को गेट पास नहीं दिए जाने का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि कंपनी ने अचानक लगभग ढाई सौ कर्मचारियों को कrम से निकाल दिया गया। इसे लेकर एनटीपीसी प्रबंधन के खिलाफ केसी जैन मार्ग पर श्रमिक नेता इकट्ठे हो गए हैं और प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। मजदूर रितेश कुमार ने बताया कि लगभग ढाई सौ कर्मचारियों को बाहर निकाल दिया गया है। बताया जा रहा है कि एनटीपीसी पावर प्लांट में 31 तारीख को नई कंपनी को काम दे दिया है, जहां ठेका चेंज होने के बाद दूसरी कंपनी आ गई है और अपने हिसाब से कर्मचारियों को रख रही है। सुबह जब वह काम पर आए तब इसकी जानकारी हुई।

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श्रमिक नेताओं का कहना है कि मजदूरों पर शोषण किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। श्रमिकों का आरोप है कि उन्हें जब काम से बाहर निकाला जाता है तब एनटीपीसी प्रबंधन मौन रहता है। कर्मचारी दोष कुमार मनेवार ने बताया कि पिछले 15 सालों से एनटीपीसी में ठेकाकर्मी है। आज अचानक काम से निकाल दिया गया है। ऐसे में उसके सामने रोजी-रोटी की समस्या खड़ी हो गई है।


नवल किशोर साहू ने बताया कि एनटीपीसी प्रबंधन और ठेकेदार मजदूर कर्मचारियों के साथ अत्याचार कर रही है उनका शोषण कर रही है। अचानक लगभग ढाई सौ कर्मचारियों को काम से निकाल दिया गया। इसके बाद एनटीपीसी प्रबंधन ठेकेदार के बीच बातचीत हुई है, जहां चार दिनों के भीतर सभी को काम पर रखने की बात पर सहमति बनी है। अगर चार दिन बाद उन्हें काम पर नहीं रखा जाएगा तो आने वाले समय में प्रदर्शन कर आंदोलन किया जाएगा।