कोरबा। डिप्टी कलेक्टर स्तर के दो अधिकारियों को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। नामांतरण में गड़बड़ी मामले में दर्ज FIR हाईकोर्ट ने रद्द कर दी है।
दरअसल साल 2014 में कोरबा जिले में पदस्थ रहे कांकेर डिप्टी कलेक्टर अशोक कुमार मार्बल और पामगढ़ में संयुक्त कलेक्टर राजकुमार तंबोली के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। मामले को हाईकोर्ट में चुनौती दी गयी थी। सुनवाई में कोर्ट ने कहा है कि अधिकारियों ने नियमानुसार कार्रवाई की थी।
चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व रजनी दुबे की डबल बेंस ने सुनवाई के बाद FIR रद्द कर दी है। जानकरी के मुताबिक 2014 में कोरबा में ये अधिकारी पदस्थ थे। यहां बुधवारी बाई नाम की महिला के पास 2.19 एकड़ जमीन थी। लेकिन महिला के साथ धोखाधड़ी करते हुए महिला के पहचान वाले शख्स ने जमीन का वसीयतनामा तैयार करा लिया। अधिकारियों से मिलीभगत कर किरायेदार ने वो जमीन अपने नाम करा ली। महिला को जब इस मामले में जानकारी हुई, तो महिला के रिश्तेदार इंद्रपाल कंवर ने कटघोरा कोर्ट में आवेदन दिया।
शिकायत में ये कहा गया कि जिस शख्स के नाम पर जमीन का नामांतरण किया गया है, वो गलत है। क्योंकि जमीन की मूल मालकिन बुधवारी बाई आदिवासी थी और जिस शख्स मानकेसर लाल के नाम पर जमीन हस्तांतरित की गयी, वो गैर आदिवासी थी। नियम के मुताबिक ये नामांतरण नहीं हो सकता था। जिसके बाद कोर्ट ने तहसीलदार अशोक कुमार मार्बल, राजकुमार तंबोली, पटवारी विशंभर ठाकुर, एसके साहू व मानकेसरलाल के खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश दिये।
राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी अशोक कुमार मार्बल और राजकुमार तंबोली ने इसे लेकर हाईकोर्ट में चुनौती दी। दलील में इन दोनों अधिकारियों ने बताया कि नामांतरण की कार्रवाई रजिस्टर्ड सेल डीड के आधार पर होती है। खरीद बिक्री की प्रक्रिया में उनकी कोई भूमिका नहीं थी।