करतला : RCC नाली निर्माण का पैसा डकार गए पूर्व सरपंच, आदेश के बाद भी दो साल में नहीं हुआ रिकवरी, अधिकारियों की भूमिका संदेहास्पद

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आर सी सी नाली निर्माण हेतु 18 लाख हुआ था स्वीकृत। 4 लाख डकार के बैठे पूर्व सरपंच। नहीं हुआ रिकवरी, नाली निर्माण ठंडे बस्ते में।

ज्ञात हो कि ग्राम पंचायत बरपाली में जिला खनिज संस्थान न्यास मद से आर सी सी नाली निर्माण हेतु 18 लाख रुपये 22 जून 2018 में स्वीकृत किया गया था। जिसमें बरपाली बस स्टैंड से हंस राम यादव के घर तक (रेल्वे फाटक) आर सी सी नाली का निर्माण किया जाना था। उक्त स्वीकृत राशि में से 4 लाख रुपये तत्कालीन सरपंच गोविंद नारायण सिंह द्वारा दो किश्तों में मार्च और अप्रैल 2019 को आहरित कर लिया गया था किंतु नाली का निर्माण प्रारम्भ नहीं किया गया। अपने कार्यकाल के अंत तक उनके द्वारा नाली के निर्माण कार्य में कोई रुचि नहीं दिखाई गई।

रिकवरी आदेश को दो वर्ष हो गया पर नहीं हुआ रिकवरी

पूर्व सरपंच गोविंद नारायण सिंह द्वारा आर सी सी नाली निर्माण का 4 लाख रुपये निकाल कर कार्य नहीं कराया गया। जिस पर 7 जनवरी 2022 में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत करतला द्वारा तत्कालीन सरपंच गोविंद नारायण सिंह पर धारा 92 के तहत रिकवरी कार्यवाही हेतु अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) कोरबा को पत्र जारी किया जा चुका है। किंतु आज तक उस पर कोई कार्यवाही नहीं की गई है। बताया जा रहा है कि बरपाली के पूर्व सरपंच गोविंद नारायण सिंह की पत्नी श्रीमती धनेश्वरी कंवर तत्कालीन जनपद अध्यक्ष थी जिनके प्रभाव से उक्त अग्रिम राशि आहरण किया गया था।

विधि के जानकारों के मुताबिक पंचायती राज अधिनियम की धारा 92 के तहत शासकीय राशि गबन करने या अतिरिक्त रकम निकालने पर वसूली की कार्यवाही होती है। किंतु आज तक उक्त राशि की वसूली नहीं किया गया जिससे अधिकारियों की भूमिका भी संदेहास्पद प्रतीत होती है। कहीं ऐसा तो नहीं कि वर्तमान में सांसद प्रतिनिधि श्रीमती धनेश्वरी कंवर के प्रभाव से रिकवरी की कार्यवाही नहीं किया जा रहा है।

इस मामले की जानकारी हेतु आधार स्तंभ द्वारा जब एस डी एम श्रीकांत वर्मा से फोन पर जानकारी चाही गई तो उनके द्वारा इस मामले में अनभिज्ञता जताते हुए कहा गया कि “अभी नहीं पता है मुझे, जब दुबारा फ़ाइल पुटअप होगा तब देखूंगा।”

इससे ऐसा प्रतीत होता है कि कहीं न कहीं इस मामले में तत्कालीन सरपंच को अधिकारियों का भी संरक्षण प्राप्त है। जिसकी वजह से रिकवरी आदेश के दो साल बाद भी आज तक पूर्व सरपंच से उक्त राशि की रिकवरी नहीं की गई है।